Trips N Trippers

Trips N Trippers / India  / Chhattisgarh  / बस्तर में इको-टूरिज्म को नई उड़ान
Bastar
3 Feb

बस्तर में इको-टूरिज्म को नई उड़ान

छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। अब यहां के तीरथगढ़ और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित मांझीपाल में बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत की गई है, जो बस्तर में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खोल रही है। यह पहल इको-डेवलपमेंट समिति द्वारा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य रोमांचक पर्यटन और सतत विकास को एक साथ आगे बढ़ाना है।

बस्तर में इको-टूरिज्म :- प्रकृति के बीच रोमांच का नया अनुभव

बांस से बनी पारंपरिक राफ्टिंग बस्तर की समृद्ध संस्कृति से जुड़ी हुई है और यह पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा अनुभव प्रदान कर रही है। मांझीपाल की शांत जलधारा पर यह गतिविधि न केवल रोमांचक है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। इको-डेवलपमेंट समिति ने सुरक्षा उपायों, उपकरणों के रखरखाव और सुचारू संचालन को प्राथमिकता दी है, जिससे यह आकर्षण जल्द ही इको-पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।

बस्तर में इको-टूरिज्म को नई उड़ान

स्थानीय लोगों को मिला रोजगार और नए अवसर

इस पहल के तहत स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वे इस इको-पर्यटन परियोजना का हिस्सा बनकर आत्मनिर्भर बन सकें। इससे न केवल क्षेत्र में आजीविका के नए अवसर पैदा हो रहे हैं, बल्कि पर्यटन से होने वाली आय का लाभ भी स्थानीय लोगों को मिल रहा है।

बैंबू राफ्टिंग का लें आनंद

राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणि सिंह ने पर्यटकों से आग्रह किया है कि वे मांझीपाल में बैंबू राफ्टिंग का अनुभव लें और इस सतत पर्यटन पहल का समर्थन करें, जो रोमांच और प्रकृति संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करती है।

पर्यटन, संस्कृति और रोजगार का संगम

बस्तर में बैंबू राफ्टिंग की यह पहल न केवल पर्यटकों को रोमांचक अनुभव दे रही है, बल्कि यह स्थानीय समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रही है। आने वाले समय में, यह बस्तर में इको-टूरिज्म के क्षेत्र में एक मिसाल बन सकती है।